मैं जितना ऊपर बड़ता गया
मैं जितना ऊपर बड़ता गया
आसमान पास आता गया
धरती दूर जाती गयी
पेड़ पौधे छोटे होते गये
पक्षी पास आते रहे
हवा चेहरे से टकराती रही
चिंता दूर जाती रही
मैं जितना ऊपर बड़ता गया
आसमान पास आता गया
धरती दूर जाती गयी
पेड़ पौधे छोटे होते गये
पक्षी पास आते रहे
हवा चेहरे से टकराती रही
चिंता दूर जाती रही
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