मैने सपने मैं देखा एक सपना
मैने सपने मैं देखा एक सपना
की मैने अपनी छाया को है पकड़ा
वो छटपटाई फिर चिल्लाई
पर मैने एक ना सुनी
मैने कहा यह क्या बात है
उजाले में नज़र आती हो
पर अंधेरे मे डर लगता है क्या ?
कि साथ छोड़ जाती हो?
वो मुस्कुराई फिर शरमाई
फिर बोली मैं कहाँ साथ छोड़ जाती हूँ
वो तो अंधेरे में तुम मुझे देख नहीं पाते हो
में तो कुम्हारी छाया हूँ तुम्हे छोड़ कर कहाँ जाउगी
तुम्हारी हूँ और आखरी दम तक साथ निभाऊगी
मैने सपने मैं देखा एक सपना
की मैने अपनी छाया को है पकड़ा
वो छटपटाई फिर चिल्लाई
पर मैने एक ना सुनी
मैने कहा यह क्या बात है
उजाले में नज़र आती हो
पर अंधेरे मे डर लगता है क्या ?
कि साथ छोड़ जाती हो?
वो मुस्कुराई फिर शरमाई
फिर बोली मैं कहाँ साथ छोड़ जाती हूँ
वो तो अंधेरे में तुम मुझे देख नहीं पाते हो
में तो कुम्हारी छाया हूँ तुम्हे छोड़ कर कहाँ जाउगी
तुम्हारी हूँ और आखरी दम तक साथ निभाऊगी
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