Friday, 12 December 2014

मैं जितना ऊपर बड़ता गया

मैं जितना ऊपर बड़ता गया

मैं जितना ऊपर बड़ता गया
आसमान पास आता गया
धरती दूर जाती गयी
पेड़ पौधे छोटे होते गये
पक्षी पास आते रहे
हवा चेहरे से टकराती रही
चिंता दूर जाती रही

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