Tuesday, 10 March 2015

मैं सूरज को देखने के लिए

मैं सूरज को देखने के लिए…
मैं सूरज को देखने के लिए इस दुनिया में आया था
पर पाया यहाँ अंधेरा
लोगों के दिलों में
आया था में देखने गगन चुंबी पहाड़
पर पाया दिलों की घाटियों में नफ़रत का सैलाब
मैं इंसान से मिलने आया था
पर इंसान बने जानवर को आपस में लड़ता पाया

Tuesday, 3 March 2015

कभी मैं तुमसे प्यार करता था

कभी मैं तुमसे प्यार करता था
कभी मैं तुमसे प्यार करता था
पर शायद अब भी वोह प्यार
मेरे अंदर मरा नहीं
कुछ है मेरे अंदर जो
कहता है तुम जहाँ भी रहो
खुश रहो आबाद रहो
मैं तो भूल चुकी हूँ तुमको
पर मेरा दिल तुमको भूल पाता नहीं